Saturday, April 23, 2011

सुबह

हर दिन एक नयी उम्मीद ,एक नयी चाह,एक नयी उमंग लेकर आता है,
अगर मन कुछ उदास है ,तो उसे बहलाता है,
अँखियाँ फिर नए ख्वाब बुनने लगती हैं,
और होंठ फिर मंद मंद मुस्किया उठते हैं,
मैं भी फिर एक बार खुद पर इठलाती हूँ,ये ऐतबार दिलाती हूँ,
की तेरे साथ ,तेरे दुलार से ही तो, मेरी दुनिया संवर जाती है,
एक तू ही तो है ,जो मुझे जानता है,समझता है, मांगता है ,
और ये सोचते ही तेरे प्यार पे भी प्यार आ जाता है. :)

No comments:

Post a Comment