नूतन वर्ष का है अभिनन्दन,इस पल गत का पुनरवलोकन,
कितना खोया कितना पाया,उन सब का फिर फिर अवलोकन;
इतना प्यार दिया स्वजनों ने ,कई जन्मो का ऋणी बनाया
कृपा ईश की इतनी हुई की, सुदृढ़ हुआ परिवार हमारा.
कितना अद्भुत लम्हा है यह ,कैसे कैसे भाव जगाता,
नेह,प्रेम ,अवसाद सभी की ,माला है ये गुथता जाता .
जैसे जैसे दिवस बीतते सब विस्मृत होते जाते हैं ,
गम खुशियों की छड़ी को पकडे हम आगे बढ़ते जाते हैं.
नूतन वर्ष हमे आशा का नया सवेरा दिखलायेगा,
नवल राह पर, नवल चाह से हमको बढ़ना सिखलाएगा,
नूतन स्वप्न नयन में सजते और उमंगें मन में पलती ,
आकांशा की सभी तरंगे, नव आँचल अब ढक जायेगा.
स्वयं सफल बन करें राष्ट्र उन्नयन ,सही दिशा हम चल पायें,
'मैं' को छोड़ "हम" को पकड़ें, और प्रगति पथ पर बढ़ जाएँ;
नव अरुणोदय की अरुणिमा, का भी दिल कल भर आएगा
नव वर्ष की मंगल किरणे, वह ही जन जन तक पहुंचाएगा .
"नव वर्ष की सभी को हार्दिक शुभकामनायें "
1 comment:
So well written Anchoo..wish you a very Happy New Year !
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